DOGA

मुंबई का बाप डोगा

डोगा........दि एक्सप्लोसिव हीरो

 

अक्सर जब हीरोज़ की बात आती है तो दिमाग में एक ऐसे इंसान की तस्वीर उभरती है, जो अच्छा है, लोगों की मदद करता है और सबसे बड़ी बात कानून का पालन करता है, पर राज कॉमिक्स में एक हीरो ऐसा भी है जो करता तो कानून की हिफाज़त है पर कानून को तोड़कर. 'डोगा' एक ऐसा नाम जो जो जुर्म की दुनिया में रहने वालों के लिए मौत के नाम से मशहूर है. ये कुत्ते सी सूरत किसी मुजरिम को सजा देने के लिए पुलिस या कानून का इंतज़ार नहीं करता, सीधा गोली मारता है. डोगा का यही क्रोध यही क्वालिटी उसे हीरो से एक एंटीहीरो बनाती है.
डोगा की कॉमिक्स में शुरआत से ही फेंटसी की जगह असलियत पर ज्यादा ध्यान दिया जाता रहा है, जो इसकी कहानी का एक सशक्त पक्ष है. डोगा की पोपुलारिटी का एक अहम् योगदान इसकी रियलिस्टिक कहानियों को जाता है. डोगा की जब शुरुआत हुयी तो राज कॉमिक्स में पहले से ही नागराज, ध्रुव, परमाणु, बांकेलाल, भोकाल इत्यादि अपनी पकड़ बना चुके थे. ऐसे में जब डोगा की शुरुआत हुयी तो उसने आते ही धमाल मचा दिया. मैं भी तब कॉमिक्स को पढना शुरू कर चुका था तो डोगा की कहानी शुरू से पढ़ी है. डोगा के जनम की कहानी तो वाकई हिला कर रख देने वाली थी. डोगा की सबसे बड़ी खासियत थी उसकी कॉमिक्स के न भुलाये जाने वाले दमदार डाय्लोग्स, डोगा की टेग लाइन 'मैं समस्यों का हल नहीं करता, उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकता हूँ' आज भी उतना ही दमदार है जितना शुरुआत में था. मुझे याद है 'शेर का बच्चा' कॉमिक्स के ग्रीन पेज में लिखी एक एक लाइन रोंगटे खड़े कर देती है. उसकी एक लाइन 'तुम हारोगी मोनिका, डोगा को तो डोगा बनना ही पड़ेगा. क्योंकि कुत्ता गली में घुसे चोर पर न भौंके, उसे न काटे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता' आज भी मेरे ज़हन में बसा हुआ है. एक और सीन जो डोगा की कॉमिक्स में मुझे याद है वो है 'टाइम ओवर' कॉमिक्स का क्लाईमेक्स सीन जिसमे डोगा कॉमिक्स का एक किरदार 'रजनी' उसे एक खुनी को मरने से रोकती है और कहती है 'कब तक तुम इस तरह कानून को तोड़ते रहोगे, मत मारो इसे' तो डोगा जवाब में बस इतना कहता है 'मेरा जवाब सुनना चाहती हो' और 'च्युम' गोली से उस खुनी का भेजा उड़ा देता है. ये सीन डोगा के केरेक्टर को बयान करने के लिए काफी है.
राज कॉमिक्स में जो मेरी सबसे पसंदीदा कॉमिक्स भी डोगा की ही है 'खाकी और खद्दर' डोगा और राज कॉमिक्स के लिए एक माईल-स्टोन, एक ऐसी कॉमिक्स जिसमे दिखाया गया है की दुनिया को डोगा की ज़रूरत क्यों है. डोगा की अन्य दमदार कॉमिक्स में 'हे राम' सीरिज़, 'बोम्बे डाईंग', 'डोगा हाज़िर है' इत्यादि अनेको कॉमिक्स है. डोगा की पोपुलेरिटी का ये आलम है की इंडियन फिल्म इंड्रस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने डोगा पर एक फिल्म बनाने का ऐलान किया है. अब सभी डोगा और कॉमिक्स फेंस को इस मूवी का बेसब्री से इंतज़ार है, डोगा पर आधारित ये मूवी राज कॉमिक्स की गिरती पोपुलारिटी के लिए बहुत ही अहम् है. हम सभी को पूरी उम्मीद है की जिस तरह का डोगा का किरदार है ये फिल्म कामयाबी की हर मंजिल को पार करेगा. और इसके साथ ही राज कॉमिक्स भी अपनी पकड़ को और मज़बूत करेगा.

सूरज, जो पड़ा मिला था डाकू हलकान सिंह को कूड़े के ढेर के बीच, बचपन से जिसने देखी थी सिर्फ दरिंदगी उसके जीवन में रौशनी की किरण बनकर आई सोनिका उर्फ़ सोनू परन्तु वो भी उससे बिछड़ गयी उसकी मौत का बदला लेने के लिए ही सूरज ने अपने जिस्म को जिम में तपा कर बना दिया था फौलाद इसमें उनका साथ दिया लायन जिम के गुरु अदरक चाचा और उसके भाइयों ने। परन्तु लायन जिम की थी दुश्मनी उन्ही की एक शिष्य किलोटा के किलर्स जिम के बदमाशों से। किलर्स जिम के लड़ाकों ने लायन जिम पर ढा दिया मौत का कहर। इसी का बदला लेने के लिए सूरज को बनना पड़ा डोगा। इधर डोगा को भी कानून तोड़ने के सजा देने के लिए तैयार था मुंबई पुलिस का जांबाज़ इंस्पेक्टर चीता। और फिर............?






















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