bramhand yoddha

ब्रह्माण्ड योद्धा

ब्रह्माण्ड योद्धा का रिव्यु अश्वनी धर द्विवेदी जी द्वारा

कॉमिक्स-ब्रह्माण्ड योद्धा

नोट-Spoilers की चिंता मत कीजिये फिलहाल ऐसा कुछ नहीं मिलेगा आपको इस रिव्यु में ।।

रिव्यु-इस सीरीज के बारे में कुछ बातें मुझे शुरू से उलझा रहीं हैं जिनमें से एक ये है कि "आखिर" क्या सोच है इस सीरीज के पीछे ?

शुरुआत करें कहानी से तो इस पार्ट की कहानी पिछले पार्ट के अंत से शुरू होती है लेकिन इसको देख कर ये नहीं समझ आ रहा कि इतने सारे सुपर हीरोज को एक कॉमिक में क्यों लाया जा रहा है, ये सीरीज कई जगहों पे आपको सोचने पे मजबूर करती है कि आखिर हो क्या रहा है कहानी में ?

फिलहाल ज़्यादा सवाल खड़े करना मतलब लेखक की क्षमताओं पर शक करना (जो कि मुझे बिलकुल भी नहीं है), कहानी जहाँ तक समझ आई है उससे ये पता चल पाया है कि कोई प्रयोग हुआ था जिससे ब्रह्माण्ड में मौजूद विविध सभ्यताओं से जुड़ने वाले पोर्टल्स खुल गए जिसकी वजह से काफी उथल पुथल हो रही है और इसका ज़िम्मेदार कहीं न कहीं परमाणु ज़रूर है और शायद यही वजह है कि सभी सभ्यताओं के बुद्धिजीवी परमाणु को मारने की सलाह दे रहे हैं (वैसे यहाँ परमाणु को उत्तरजीवी कह के संबोधित किया जाता रहा है) ।।

इस कॉमिक में कहानी में अगर कोई नया मोड़ आया है तो वो है नागराज की एंट्री (सच कहूँ तो शायद ही इसके अलावा कोई ऐसी चीज़ हो जो आपको रोमांचक लगे क्योंकि बाकी की चीजें बस उलझन को बढ़ा रही हैं) ।।

इस कॉमिक्स को खत्म ऐसी जगह कर दिया गया है कि न चाहते हुए भी आपको अगले पार्ट का इंतज़ार करना पड़ेगा (नितिन सर ये काम करने में माहिर हैं), यदि आप नागराज के फेन हैं तो आपको भी अगले पार्ट का इंतज़ार होगा और शायद आप भी मेरी तरह इसी सोच में डूबे होंगे की आख़िरकार ध्रुव कहाँ चला गया (कहानी के आखिर में) ।।

तो आखिर में मैं यही कह सकता हूँ की ये सीरीज फिलहाल तो उलझी हुई सी लग रही है हो सकता है लेखक जल्दी ही इन उलझनों को सुलझा दें पर फिलहाल उस विषय में कुछ कहना जल्दबाज़ी ही होगी क्योंकि लेखक क्या सोच रहे हैं ये उन्हें ही मालूम होगा इसलिए अच्छा होगा कि आप भी मेरी तरह नागराज के प्रशंसक बन कर इस सीरीज की अगली कॉमिक्स का इंतज़ार कीजिये ।।

धन्यवाद

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