Friday 1 January 2016

नो मैन्स लैंड का रिव्यु अलोक धर द्विवेदी जी द्वारा
#रिव्यु.......

कॉमिक्स नाम....नो मेंस लैंड
प्रकाशक.....राज कॉमिक्स
कथाकार....अनुपम सिन्हा
चित्रांकन...अनुपम सिन्हा
#स्पॉइलेर अलर्ट

कहानी.......कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से फ्लैशबैक में खत्म हुई थी यानी की वक्र शिप पर होता है.......

वक्र बड़े ही आराम से शिप क्रू और कैडेट्स को पीट रहा है.......खैर वक्र जैसे बड़े योद्धा के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं आखिर जो ध्रुव को चैलेंज करेगा उसे कम से कम इतना तो होना ही चाहिए

कुछ राज़ भी पता चले की जैकब को हन्टर्स ने नही बल्कि नताशा ने किडनैप कर रखा था...और श्वेता को icu के बाहर देख कर जान में जान आई....😜😜

रोबो को मरा हुआ यहां तक की उस का दाह संस्कार भी दिखाया गया है.........जो की मुझे सही नही लग रहा है रोबो जैसे पावरफुल विलन को इतनी आसानी से मरता हुआ देखना अच्छा नहीं लगा....इस के पीछे ज़रूर कोई न कोई राज़ छिपा है....

आखिर ये पता चल ही गया की हन्टर्स आखिर ढूंढ क्या रहे हैं...एक ऐसा फार्मूला जो अमर कर देगा.....परंतु ये फार्मूला जैकब के पास कहाँ से आया ये पता नहीं चला....

ध्रुव और वक्र के युद्ध के फ्रेम्स भी अच्छे लगे मुझे परंतु........कुछ फ्रेम्स जैसे पेज नंबर 38 पर अनुपम जी की भूल साफ़ दिखाई देती है मानव शरीर चाहे जितना भी सिद्धस्त क्यों ना हों उस की एक सीमा होती है और अनुपम जी जैसे सीनियर चित्रकार को ये बात भूलनी नही चाहिए......

एक नए पात्र का इंट्रोडक्शन हुआ मूवर....जिस के पास परमानवीय शक्तियां भी हैं....जैस उड़ना और पानी में सांस लेना.......लेकिन ये हैं कौन और ध्रुव को इसने बचाया क्यों ये अभी राज़ ही है........(परंतु मेरा शेरलॉक होल्म्स वाला दिमाग कहता है की वो धनञ्जय भी हो सकता है)

खैर काफी बुरी तरह से घायल होने के बाद ध्रुव टेक्निकली मर चूका है...और उस का दिमाग अपने अतीत में झाँक रहा है जहां उस को वो सब भी दिखाई देता है जब वो गर्भ में था....उस की माँ पर हुआ हमला...जब वो दो महीने का था...गर्भ मे

ध्रुव की माँ का ये कहना की आज तक मैंने पॉकेटमार तक का सामना नहीं किया असमंजस पैदा करता है जब की मुझे लगा वो खुद भी एक हंटर रही है

कुल मिला कर कहा जाए तो कहानी स्मूथली आगे बढ़ती है.....कहीं कहीं ट्रैक से थोडा उतरने को आतुर भी दिखती है.....

आते हैं रेटिंग्स पर...

कहानी.....4/5
अनुपम जी निसंदेह एक उम्दा प्लाट दे रहे हैं परंतु अभी कहानी का ज्यादार हिस्सा बाकी ही है जिस वजह से भ्रम की स्तिथि बनी हुई है.....

आर्टवर्क...3.5/5

कुछ फ्रेम्स छोड़ दे तो आर्ट्स अच्छे बने हैं....
बस ये समझ नही आता की चित्रकार लड़कियों की waxed टाँगे और बड़े बड़े(अहम् अहम्)😜😜
दिखा कर चाहता क्या है की हम दो दो प्रतियां खरीद लें??
भावनाओं को इतना न उभारें तो भी चलेगा...😜😜

अंत में इतनी लंबी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद

अपने विचार अवश्य प्रकट करें....

2 comments

बहुत बढ़िया रिव्यु

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Vo naya kirdar Dhannjay nahi Vakra ki maa Hi hogi.vo Hi sabse rahsmay hai.ye meri thinking hai

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