Thursday 31 December 2015

राजनगर

सुहानी रात है ,तारे टिमटिमा रहे हैं...!
ऐसे नजारों में अपने ध्रुव भैया इश्क फरमा रहे हैं..।
Natasha-(ध्रुव का हाथ पकड़ कर)-"मेरे लिए एक गाना गाओ ना.."
Dhruva -" हे हे आ हाहा ..तेरी आँखों में समंदर नजर आता है..."
Natasha(शरमाकर ) - "आगे बोलो ना .."
Dhruva-"थोरा सा पानी पिला दे ankho ke samandar se nikal kar .... बड़ी प्यास लगी है.. ..हीहीही"
नताशा(मुंह बिचकाकर)-"गुर्र र्र र्र र्र..चुपचाप गाना गाओ.."
dhruva(बुहुहुहु...बु­रे फंसे)-"इनमें डूब जाऊं जी चाहता है.....हम्म..एक मिनट..तेरी आँखों में तो मेरे बूट्स भी नही घुसेंगे..डूबने की बात ही कहाँ है...हीहीही..कैसे कैसे गाने होते है"
Natasha-(गुस्से में)- "गधा.. पागल..गुर्रर्रर्र "
Dhruva-

Thodi der baad..
Natasa-"देखो न ध्रुव! चाँद कितना प्यार लग रहा है। पूर्णिमा कल है और आज भी कितना चमक रहा है..!"
dhruva-"(मन में-जेसे की मुझे पता ही नही..खूसट कहीं की)-हाँ वो तो है"
Natasha-"अगर मैं कहूं तो क्या तुम मेरे लिए उसकी रौश्नी छीन कर ला दोगे..?"
ध्रुव-"हीहीही..फिर आसमान में तेरा बाप i.e. रोबो चमकेगा क्या..और रौशनी लेकर क्या अँधेरे दिमाग में रखेगी...बड़ी आई रौशनी लेने वाली... "
NAtasha-"रहने दो..तुमसे कुछ नही होगा..प्यार मोहब्बत जाके अपने क्रिमिनल्स से करो..मैं चली ...गुर्रर्र"
नताशा खड़ी हो गयी पर ध्रुव ने फिर से बैठा दिया
Dhruva-(तू भी तो criminal ही है)-"नही..मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ..रियली..(जोके मारा)"
natasha-"तुम तो बस यूँ ही कहते हो"
dhruva"नही वो थोडा बिजी रहता हूँ ना..(जुगाड़ :P)
natasha"हा तुम्हारे पास तो मेरे लिए टाइम ही नही है..केवल उस #₹%&#@ patient के लिए है.. ..हुँह"
dhruva"नही एसी बात नही है"
natasHa"तो मुझे एक बार kiss करो.. हीही (देख लूंगी)"

Dhruva shocked.. @_@

Dhruva-"(o tteri..मरवाएगी क्या :O) रहने दो। फिर कभी"
Natasha-"अभी मतलब अभी..वरना.."
Dhruva-"(क्या क्या करवा रही है ये लड़की..बुहुहु :'() okey"
     
Dhruva-"करमजली कौन सा क्रीम लगायी है.पूर होंठ जलने लगा। रोबो आर्मी में क्रीम भी खुजली वाले ही मिलते है क्या..आक्क थू "
नताशा अलग मस्ती में खोयी थी।
dhruva(धीरे आवाज में)- "आज शाम को जब ऋचा ने किस किया था तो कितना मजा आया था..आहा हा और इसने..छिछिछी..सारा होंठ खुजलाने लगा वाक्क थू"
Natasha-"अभी तुमने कलमुंही रिचा का नाम लिया..गुर्र र्र..मैं तुम्हें.."
Dhruva-"कहा लिया उसका नाम..किसने लिया..बुहुहू"
Natasha-"और ये तुम्हारे गाल पे लाल निशान क्यों है..सच सच बताओ..वरना.."
Dhruva-"(पोंछते हुए..)कहाँ है निशान..नही है.."
Natasha-"तुम उससे जितना दूर रहो तुम्हारे लिए अच्छा है...(गुस्साकर) वरना..."
Dhruva-"(वरना की बच्ची) मई सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ(हीही झूठ बोला)। मेरे दिल में सिर्फ तुम हो..(फेंक रहा हूँ)
Natasha-"कल शाम को तुम मुझे सब दोस्तो के सामने अंगूठी पेह्नाओगे"
Dhruva-"इतनी जल्दी क्या है। कभी पहना दूंगा..और दोस्तों के सामने क्या जरुरत है..हूहूहूँ"
Natasha-"ताकि तुम किसी और के साथ नही...हीहीही..और अंगूठी हीरे की होनी चाहिए."
Dhruva-"(ओ tteri..ये लड़की तो दिवालिया करने पे तुली है...सारे पैसे तो खर्च हो गए..ऋचा को(हीही) बाइक पर घुमाने और समोसे कचौरियां खिलने में..अब क्या करू...idea) (transmitter निकल कर) हा बोलो करीम captain here..क्या. कहाँ..buymore मॉल में आतंकवादी..ओके..तुरंत­्त आता हूँ"

जैसे ही ध्रुव ट्रांसमीटर बेल्ट में लगता है तो करीम का कॉल आ जाता है।ध्रुव चोरों की तरह नताशा की तरफ देखने लगता है"
Natasha-"buymore मॉल महानगर में है बच्चू..."
Dhruva-"हाँ बोलो करीम"
kareem-"कैप्टेन..थोड़­ी देर राजनगर seaport पे 100 करोड़ की अवैध हीरो की तस्करी होने वाली है..टाइम पे पहुँच जाना..."
Dhruva-"okk..चलता हूँ नताशा ..हीही.."
Natasha-"ठीक है .. पर कल टाइम पे पहुँच जाना...वरना सबको बता दूँगी की तुमने कहाँ कहाँ समोसे , jalebiyan,पकौरे.."
Dhruva-"ओके ओके..आक्क थू"
फिर ध्रुव गुंडों को पीटकर कर पुलिस स्टेशन छोर के बहार आता है..
Dhruva-"गर्रर्रर्र..­दो महीने पहले जब 50 करोड़ पकरवा कर खुद पुलिस स्टेशन छोरने आया था तो..5 लाख इनाम भी मिले थे..जिससे नयी बीके ली..और बाकि पैसो से .....हीहीही..आजतक पेट्रोल भरवा रहा हूँ..और आज इन कंजूसों ने..और घर से भी मांग नही सकता.. बर्रर्रर् बर्रर्र र.."
idea
दोस्तों से मांगता हूँ..
Dhruva-"हेल्लो प्यारे डोगे"
Doga-"कोन है बे..जल्दी बोल.वरना अपने phone में गोली मारूंगा तो तेरी खोपरी फाड़ती हुई निकलेगी..हीहीही(अच्छ­ा डायलॉग मारने लगा हूँ आजकल)
Dhruva-"मैं ध्रुव बोल रहा हूँ प्यारे डोगा"
Doga-"तो जाके गुंडों को चाट न..क्यों खली फ़ोकट टाइम की(हीही) माताश्च भगिनी कर रहा है...रुक एक गुंडे को उड़ाने दे. ब्रूम बाराम..हाँ भौंक.."
Dhruva-" वाह क्या आवाज थी..आक्क थू
doga अबे खैनी कहाँ से मिली तुझे बे..मिली भी तो अकेले कैसे चट कर गया...वेसे ये नयी लांचर है..आज ही खरीदी है..''
Dhruva-"(अब इसे क्या बताऊ) कितने लांचर है ऐसे तेरे पास.."
Doga-"क्यों बे..तेरा वो..क्या कहते है..अहिंसावादी शपथ ...टूट गया क्या..धांय धांय...जो तू भी. तुझसे तो हिलेगा भी नही..हीहीही.."
Dhruva-"(बड़ी शान्पंती कर रहा है..जुगाड़ फिट होने दे..फिर बताता हूँ)..अच्छा डोगा तेरे पास हीरे की अंगूठी है क्या"
Doga-"तू कबसे अंगूठी पेहेन्ने लग गया...वो भी हीरे की...नही है मेरे पास(अभी कल ही एक गुंडे से छिनकर मोनिका को पटाया था...हीही)...नाताशा को देगा क्या..'"
dhruva-"अच्छा क्या तू मुझे एक हीरे की अंगूठी के पैसे दे सकता है।
doga(है तो....मगर दूंगा नही...पिछली बार तूने सांड से अटैक करवाया था*...पिछवारे की जो चटनी बनी थी आज भी याद है...हाय हाए)[{*padhein triple revenge by Rakesh verma bhaiya}]-नही है ..
dhruva-(कंजूस गाजर चूस कहींका)

फिर ध्रुव बाकि सभी दोस्तों से भी मांगता है। अंतिम में नागराज से मांगता है।
naagraj-"नही है मेरे पास"
dhruva-"देख संपोले..ज्यादा दिमाग गरम मत कर..चुपचाप अपने खजाने में से थोडा सा दे दे.."
नागराज-"तेरे पास भी तो अज्ञात खजाना है"
dhruva-"वो निकलूँगा तो readers को खजाने की लोकेशन पता हो जाएगी..फिर सब लूटने पहुँच जायेंगे..चुप्चाप दे दे..वरना विसर्पी को तेरी वो फोटो..याद है न"
नागराज-"(ऊंह..क्यू दू..अभी कुछ दिन पहले ही मेरी chaddi में खुजली के कीड़े छोर दिए थे। किस किस चीज की क्या क्या दशा हुई थी उस ₹#&%#& के कारन..और विशर्पी और saudaangi को बहला फुसला कर मूवी का भी मजा लूट आया..और सुना है अआजकल whatsapp पे भारती से खूब बातें करता है .और तो और #राकेश वर्मा की बनायीं हुई मेरी और saudaangi के kissing scene वाले फोटो विशर्पी को दिखने की बात बोलकर Kobramail करता है..पता नही उस शैतान खोपड़ी के दिमाग क्या अया था जो मेरी ₹₹₹#%%%@ वाली फोटो बना ली...कहीं मिल जाए तो खूब धोऊंगा..)-..क्या चाहिए था वेसे.."
Dhruva-"देख निकम्मे संपोले..तेरे मेरे तक ही रहनी चाहिए"
खुसुर पुसुर
(हाँ !!ऐसा कहा :O)
(एकदम गलत बात है.. >_<)
(क्या कहा थोडा जोर से बोलना)
(ओह ..ये भी किया)
naagraj-"देख अंधेर सितारे मई तेरी मदद कर सकता हु..कल महानगर आ जाना..दिलवा दूंगा..(बदला लेने का अच्छा मौका है..अंगूठी चुरा लूँगा वक़्त पे)
Dhruva-"(फंस गया सांप)-ठीक है bro...आक्क थू"
फिर ध्रुव बाकी सब दोस्तों को भी आने बोल देता है..


Agli Shaam
नागराज डोगा परमाणु स्टील कोबी सब टाइम पे आ जाते है.परमाणु अपने साथ तिरंगा को भी लेता आता है।
parmaanu-"ये ध्रुव न्इ अच्छा नही किया। बेचारे तिरंगा को नही बुलाया..(हीहीही..बेच­ारा)
Tiranga- " दोस्त दोस्त न रहा..वो अजनबी हो गया..हूँ हूँ हूँ हूँ..ऊँ
समोसे चुराए थे तेरे साथ मैंने भी हँसते हँसते
तुमने भुला दिया मुझे दोस्त हँसते हँसते..इहिंइही"
kobi(भांग क नशे में)-यारो मुझे माफ़ करो..मई नशे में हूँ"ही हिच्च"
डोगा-मुझे भी कर्ज उतरना है यार..
Tiranga-"इस भूल की सजा मिलेगी..बराबर मिलेगी..गर्र र्र र्र"
कोबी बिच में आकर नशे में डांस करने लगता है
"किसने ये मुझपे हरा रंग डाला...हमारी ख़ुशी ने हमें...मार डाला..मार दल..हीही"
तिरंगा ये इमोशनल सोंग सुनकर और रोने लगता है।
parmanu-"ये कोबी आज इतने हरे मिजाज में क्यों है"
steel-"और ये ख़ुशी कौन है"
doga-"इसने अभी भांग के पत्ते खा लिए हैं. और तू बहुत इंटरेस्ट ले रहा है ख़ुशी में बे टिन के डिब्बे"
naagraj-जब ध्रुव अंगूठी निकलेगा तो मैं अपने एक सूक्ष्म सर्प से शोर्ट सर्किट करवा दूंगा...अँधेरा हो जायेगा...फिर..खुस पूस..(हां हाँ ये ठीक है)..तिरंगा अंगूठी छीन लेगा..और फिर नताशा उसकी वाट लगाएगी..हीही
steel-चोरी अपराध है..और हर अपराध के सामने खड़ा है स्टील..U R UNDER ARREST MR. TIRANGA...(HIHIताकि दुनिया ये न कहे की पुलिस लेट आती है)"
Parmaanu-चुप बे कानून के चमचे..ध्रुव ने बहुत बड़ी गलती की है..और हम सबका कोरमा भी बनाया है..बुहुहू..और अपनी जुबान बंद रखियो.."
कोबी-"किसने गलती की..मैं उस्कसर फोड़ दूंगा..बुहुहू
.तेरी यादें मिटाने को.. तेरी यादें मिटाने को..पीता हूँ गम भुलाने को..मुझे यहाँ भेजकर वो भेरिये की औलाद न जाने क्या क्या कर रहा होगा जेन क साथ..गर्र र्र.. हे भेरिया देव म.."
doga-"कूल डाउन भाई कोबी.."
तभी ध्रुव और नताशा आ जाते हैं....
फिर हॉल में
parmanu-"(डोगा क कान में)-हीही..क्या माल लग रही है ..हीही"
doga-"तेरी माल दृष्टि बड़ी तेज है बे.."
kobi-(दोनों हाथो से गदा उठाकर उछलता है)
"क्या खूब लगती हो..बड़ी सुन्दर..."
नागराज उसको पाकर कर साइड करता है..कोबी उसको तीन चार मुक्के नाक मुंह पे मार देता है..फिर सब हंसने लगते है..
ध्रुव अंगूठी निकलता है
नागराज तुरंत अपने सूक्ष्म सर्प को बेज देता है..
सूक्ष्म सर्प-(शारीर के अन्दर)"रंगीली मेरी रंगीली..मैं तुझे छोर के जा रहा हूँ पगली..हमेशा क लिए..मत रो पगली.मर जाएगी..
खिजा के फूल पे आती कभी बहार नही..मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नही.. मेरे जाने के बाद उस कलमुंहे कालिया नाग से अपनी सेटिंग कर लेना..भुला देना मुझे..है अलविदा..तुझे जीना है..सुबुक सुबुक"
सूक्ष्म सर्प(लघुपथन करने से पहले)-जिन्दगी तो बेवफा है..एक दिन ठुकरा..आ..आ..आ..घर्र­ र्र र्र र्र"
अँधेरा हो जाता है!
(आउच..मार डाला)
(हम्म्फ्फ़..छोड़,,ये मेरी चड्डी है)
(अबे छोड़ अंगूठी...आउच )
(क्यों जवानी ख़राब कर रहा है)
(बच्चे की जाण लेगा क्या)
नागराज अपने जगमग सर्पों को बहार निकलता है
मेरी अंगूठी किसने चुरायी
हमलोगों में से कोई अपनी जगह से हिला भी नही।..जरुर कोई बहार भागा होगा..हमलोग बाहर देखते है ध्रुव..तुम अन्दर देखो...
"ठीक है"
बाकि सब भाग के बहार छत पे चले जाते है.
"हा हा हा हा..लगा डाली मामू की"
"अब तो नताशा उसको ब्रेक्लेस मारेगी"
आज पिछवारे ..आई मीन मेरा बदला पूरा हो जाएगा"
मैं इस अंगूठी को बेचकर...हीही. विसर्पी को कपडे गिफ्ट करूंगा..लेहेंगा चोली..,"
"चुपचाप ये मुझे दे नागराज..वरना बम से उदा दूंगा..मुंबई में पप्पू पकौरे वाले की कराहियों से पकौरे निकलने का टाइम हो गया है"
"चुप कर बन्दूक के गुलाम...आज डेल्ही में नयी रेस्तौरेंट खुली है..जाके फुल्के कचौरियां खानी है"
"थोडा थोडा दिल पे है जवानी का नशा
उसपे है ये नशा तेरे प्यार क्या
तौबा ये नशे में नशा मिल गया.......कोई हमको रोको..कही हम गिर न पड़े...ही हिच्च..मुझे दो..जेन को पहनाऊंगा..बहुत खुश होगी वो..हीहीही"
"आज कैस्ट्रोल की नयी पावरफुल lubricant लांच हुई है..पूरी की पूरी ट्रक खरीद लूँगा"
"मुझे दो..मैंने चुराई है. पकड़ा जाता तो अँधेरे में भी भौकाल बना देता वो."
लड़ाई झगडा मारपीट हो हल्ला
मुझे दो मुझे दो
भाग यहाँ से
"तिरंगा ये ढाल तेरी है ना'
सब-ध्रुव तुम
"मुझे वहां गिरा मिला..तभी तो तुम को देखा नही था..मैं सब सुन चूका हु...अन्दर नताशा से कई लप्पड़ थप्पर खाया हु...हिसाब तो देना पड़ेगा..गर्र र्र र्र र्र.."
"अभी उससे खाया..अब मुझसे खा"
"डरते है क्या,आ जा अंधेर सितारे"

(आह...उम्म्फ़..मुझे छोड़ कोबी क बच्चे)
(मेरे बदन पे से उठ तिन के डब्बे )
चर्र र्र र्र र्र र्र र्र र्र र्र र्र र्रर
(अबे मेरी चड्डी क्यों फाड़ी)
(गुदगुदी मत लगा संपोले)
(जूता मत सुंघाओ..बड़ी बदबू है)
(हीही..5 महीनो से धोया नही हूँ)
(पूंछ कान में मत घुसेड भाई)
(अबे अंगूठी भी ले ली और ब्रेसलेट भी उतारवा दिए)
मारपीट करते करते सभी बेदम हो जाते है..और ढेर हो जाते हैं एक दुसरे के ऊपर..और अंगूठी फर्श पे चली जाती है
"अरे..हम तो गिर पड़े ..हीहीही"
(अरे सब मेरे ऊपर से उतरो..इच्छाधारी हु तो इसका मतलब क्या)
सब किया धरा तेरा है नागराज के बच्चे..तेरे ही बकवास आईडिया के कारन हुआ है..
"अबे नामुरादों..हाथ तो छोरो..कम से कम अंगूठी तो उठा लू..वो जो रूठ कर भागी है बहला फुसला के पटा लूँगा..."

तभी एक छुछुंदर आकर अंगूठी मुंह में दबाकर भाग जाता है..

बेडागर्क हो तुम लोगों का naaspeeton..बुहुहुहु­हू

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